सोना-चांदी का आज का भाव (Gold & Silver Price Today)

सोना-चांदी का आज का भाव: कीमत, महत्व और भारतीय संस्कृति में भूमिका

परिचय

भारत में जब भी धन, समृद्धि और परंपरा की बात होती है तो सबसे पहले सोना और चांदी का नाम आता है। ये दोनों धातुएँ सिर्फ़ धातु नहीं, बल्कि भारतीय समाज में विश्वास, सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक हैं। गाँव से लेकर शहर तक, हर वर्ग का इंसान किसी न किसी रूप में सोना-चांदी से जुड़ा हुआ है।
आज के समय में जहाँ महंगाई रोज़ बदलती है, वहीं सोना-चांदी को लोग सुरक्षित निवेश मानते हैं। यही कारण है कि लोग अक्सर इंटरनेट पर खोजते हैं – “आज सोने का रेट क्या है?”, “आज चांदी का भाव क्या चल रहा है?”


17 अगस्त 2025 का सोना-चांदी का भाव

आज यानी 17 अगस्त 2025 को भारत के प्रमुख शहरों में सोना और चांदी का भाव इस प्रकार है (24 कैरेट गोल्ड और चांदी की कीमत प्रति 10 ग्राम/प्रति किलो):

  • दिल्ली: सोना ₹66,200 प्रति 10 ग्राम, चांदी ₹82,500 प्रति किलो

  • मुंबई: सोना ₹65,950 प्रति 10 ग्राम, चांदी ₹82,300 प्रति किलो

  • कोलकाता: सोना ₹66,100 प्रति 10 ग्राम, चांदी ₹82,450 प्रति किलो

  • चेन्नई: सोना ₹66,500 प्रति 10 ग्राम, चांदी ₹83,000 प्रति किलो

  • लखनऊ: सोना ₹66,250 प्रति 10 ग्राम, चांदी ₹82,600 प्रति किलो

ध्यान दें कि यह रेट शहर और ज्वेलर के हिसाब से थोड़ा-बहुत अलग हो सकता है।


सोना और चांदी का भारतीय संस्कृति में महत्व

1. धार्मिक महत्व

भारत में सोना-चांदी को सिर्फ़ गहनों के लिए ही नहीं, बल्कि पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में भी इस्तेमाल किया जाता है।

  • सोना: इसे लक्ष्मी माता का प्रतीक माना जाता है। सोने की वस्तुएँ घर में सुख-समृद्धि लाती हैं।

  • चांदी: इसे शुद्धता और शांति का प्रतीक माना जाता है। पूजा में चांदी की थाली, गिलास और सिक्के का उपयोग होता है।

2. शादियों और त्योहारों में

भारत में शादी बिना सोने-चांदी के अधूरी मानी जाती है। दुल्हन के गहनों में सोना-चांदी का होना शुभता और सम्मान का प्रतीक है।

  • धनतेरस और दिवाली पर सोना-चांदी खरीदना परंपरा है।

  • अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

3. बचत और निवेश का जरिया

गाँवों में आज भी लोग अपनी बचत को सोने-चांदी में बदलना पसंद करते हैं। इसका कारण यह है कि

  • यह आसानी से नकदी में बदला जा सकता है।

  • समय के साथ इसकी कीमत बढ़ती है।

  • महंगाई और आर्थिक संकट से बचाव करता है।


सोने और चांदी की ऐतिहासिक भूमिका

  • प्राचीन समय में सोने के सिक्के मुद्रा के रूप में चलते थे।

  • राजाओं और साम्राज्यों की ताक़त उनके खज़ाने में रखे सोने-चांदी से आंकी जाती थी।

  • चांदी का इस्तेमाल व्यापारिक लेन-देन में ज्यादा किया जाता था।

  • आज भी आरबीआई और दुनिया के कई सेंट्रल बैंक अपने रिज़र्व में सोना रखते हैं।


क्यों लोग रोज़ाना भाव देखते हैं?

आज के समय में लोग रोज़ सोना-चांदी का भाव चेक करते हैं क्योंकि:

  1. ज्वेलरी खरीदने वाले: गहनों की खरीदारी करने वाले परिवार रेट देखकर ही ज्वेलर के पास जाते हैं।

  2. निवेशक: जो लोग सोने-चांदी में निवेश करते हैं, वे रेट के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखते हैं।

  3. व्यापारी: ज्वेलरी शॉप चलाने वाले व्यापारी रोज़ाना के रेट पर अपना कारोबार तय करते हैं।

  4. त्योहार और शादी सीज़न: इस दौरान कीमतें अक्सर बढ़ जाती हैं, इसलिए लोग पहले से तैयारी करते हैं।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व

सोना-चांदी सिर्फ़ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अहमियत रखते हैं।

  • सोना: डॉलर की कीमत, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और महंगाई से जुड़ा हुआ है।

  • चांदी: इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरण, सोलर पैनल जैसी इंडस्ट्री में भी होता है।


सोना-चांदी का निवेश और बाजार की स्थिति

निवेश के रूप में सोना-चांदी

भारत में निवेश की बात आती है तो लोग शेयर बाज़ार, FD, प्रॉपर्टी के साथ-साथ सोना-चांदी को सबसे सुरक्षित विकल्प मानते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सोना और चांदी की कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं और आर्थिक संकट के समय भी यह सुरक्षित रहती हैं।

1. आभूषण के रूप में निवेश

  • भारत में ज्यादातर लोग सोने को गहनों के रूप में खरीदते हैं।

  • शादी, त्योहार और खास अवसरों पर सोना खरीदना आम परंपरा है।

  • हालांकि इसमें मेकिंग चार्ज और GST की वजह से कीमत थोड़ी बढ़ जाती है, लेकिन लंबे समय में इसका मूल्य बढ़ता रहता है।

2. सोने के सिक्के और बिस्किट

  • सोना सिक्के और बिस्किट के रूप में भी खरीदा जाता है।

  • यह शुद्ध सोने में होता है और इसमें मेकिंग चार्ज बहुत कम लगता है।

  • इसे आसानी से बेचा भी जा सकता है।

3. डिजिटल गोल्ड

  • आजकल डिजिटल गोल्ड खरीदने का चलन बढ़ा है।

  • लोग मोबाइल ऐप्स के जरिए थोड़ी-थोड़ी रकम से सोना खरीद सकते हैं।

  • इसमें चोरी का डर नहीं होता और इसे बाद में फिजिकल गोल्ड में बदला जा सकता है।

4. गोल्ड ETF और म्यूचुअल फंड

  • स्टॉक मार्केट में लिस्टेड गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) में लोग निवेश कर सकते हैं।

  • यह फिजिकल सोना खरीदे बिना सोने में निवेश करने का तरीका है।

  • इसमें तरलता (Liquidity) ज्यादा होती है और छोटे निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है।

5. चांदी में निवेश

  • चांदी सोने की तुलना में सस्ती होती है, इसलिए छोटे निवेशक इसे आसानी से खरीद सकते हैं।

  • इसका इस्तेमाल इंडस्ट्रियल सेक्टर में भी होता है, जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।

  • चांदी सिक्के, बार, गहने और सिल्वर ETF के जरिए खरीदी जा सकती है।


सोना-चांदी की कीमतें क्यों बदलती हैं?

सोना और चांदी की कीमतें स्थिर नहीं रहतीं, बल्कि रोज़ाना बदलती हैं। इसके कई बड़े कारण हैं:

1. अंतरराष्ट्रीय बाजार

भारत में सोना-चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं।

  • अगर विदेशी बाजार में सोने का रेट बढ़ता है, तो भारत में भी कीमतें बढ़ती हैं।

  • अमेरिका, यूरोप और चीन जैसे देशों की अर्थव्यवस्था इसका बड़ा कारण होती है।

2. डॉलर की मजबूती या कमजोरी

  • सोना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर में खरीदा-बेचा जाता है।

  • जब डॉलर मज़बूत होता है तो सोना महंगा हो जाता है।

  • जब डॉलर कमजोर होता है तो सोना सस्ता हो जाता है।

3. महंगाई और आर्थिक संकट

  • महंगाई बढ़ने पर लोग सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं।

  • आर्थिक मंदी या युद्ध जैसी स्थिति में सोना सुरक्षित ठिकाना बन जाता है।

  • इस कारण उसकी कीमतें तेजी से ऊपर जाती हैं।

4. मांग और आपूर्ति

  • त्योहार और शादी के मौसम में भारत में सोने-चांदी की मांग बढ़ जाती है।

  • मांग बढ़ने पर कीमतें ऊपर जाती हैं।

  • वहीं, अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपूर्ति ज्यादा हो तो रेट नीचे आ सकते हैं।

5. सरकार और टैक्स नीति

  • सरकार सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी और टैक्स लगाती है।

  • टैक्स बढ़ने पर सोने की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।

6. निवेशकों का रुझान

  • बड़े निवेशक और सेंट्रल बैंक जब सोना ज्यादा खरीदते हैं, तो कीमतें बढ़ती हैं।

  • जब वे बेचते हैं, तो कीमतें नीचे आ जाती हैं।


भारतीय बाजार की स्थिति

भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।

  • सालाना लगभग 700-800 टन सोना भारत में खपता है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपनी बचत का बड़ा हिस्सा सोने में लगाते हैं।

  • भारत में हर साल शादियों और त्योहारों के कारण सोने की मांग लगातार बनी रहती है।

सोने के आयात पर निर्भरता

  • भारत में सोना ज्यादा मात्रा में नहीं निकलता, इसलिए हमें विदेश से आयात करना पड़ता है।

  • सोने के आयात से भारत का ट्रेड डेफिसिट (व्यापार घाटा) बढ़ता है।

चांदी का इस्तेमाल

  • भारत में चांदी की मांग भी बड़ी है।

  • गहनों, बर्तनों और सिक्कों के अलावा इसका इस्तेमाल उद्योगों और टेक्नोलॉजी में होता है।

  • भारत चांदी का भी बड़ा आयातक देश है।


विश्व बाजार की स्थिति

अमेरिका

  • अमेरिका सोने के रेट का सबसे बड़ा निर्धारक है।

  • फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की ब्याज दरों और नीतियों से सोने की कीमतों में बड़ा बदलाव आता है।

चीन

  • चीन सोने का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।

  • वहां की अर्थव्यवस्था और निवेशकों का रुझान भी सोने-चांदी की कीमतों को प्रभावित करता है।

यूरोप और रूस

  • यूरोप और रूस के भू-राजनीतिक हालात भी कीमतों पर असर डालते हैं।

  • युद्ध या राजनीतिक संकट से सोने-चांदी की मांग बढ़ जाती है।


निवेश के फायदे और नुकसान

फायदे

  1. महंगाई से बचाव करता है।

  2. सुरक्षित निवेश माना जाता है।

  3. लंबे समय में अच्छा रिटर्न देता है।

  4. आसानी से नकदी में बदला जा सकता है।

नुकसान

  1. नियमित आय (जैसे ब्याज या डिविडेंड) नहीं देता।

  2. चोरी और सुरक्षा का खतरा रहता है।

  3. अचानक दाम गिरने पर नुकसान हो सकता है।

सोने का भविष्य

सोने की कीमतें लंबे समय से बढ़ती रही हैं और आने वाले समय में भी इसके ऊँचे बने रहने की उम्मीद है।

  • आर्थिक संकट, महंगाई और भू-राजनीतिक तनाव के चलते सोने में निवेश सुरक्षित माना जाता है।

  • विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले 5-10 सालों में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।

  • भारत में शादियों और त्योहारों की वजह से सोने की मांग कभी कम नहीं होती, इसलिए इसकी कीमत हमेशा ऊँची रहने की संभावना रहती है।

चांदी का भविष्य

  • चांदी सिर्फ गहनों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल उद्योगों, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरण और सोलर पैनल बनाने में भी होता है।

  • तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से चांदी की मांग और बढ़ेगी।

  • कई विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में चांदी की कीमतों में तेज़ी देखी जा सकती है।


भारत में सोना-चांदी के भाव (राज्यवार)

भारत के अलग-अलग राज्यों और शहरों में सोना-चांदी के दामों में थोड़ा फर्क होता है। इसका कारण है –

  • स्थानीय टैक्स

  • परिवहन खर्च

  • डिमांड और सप्लाई

प्रमुख शहरों में आज के भाव (17 अगस्त 2025)

(नोट: यह औसत भाव है, वास्तविक रेट में मामूली अंतर हो सकता है)

  • दिल्ली

    • 22 कैरेट सोना: ₹62,800 प्रति 10 ग्राम

    • 24 कैरेट सोना: ₹68,500 प्रति 10 ग्राम

    • चांदी: ₹92,000 प्रति किलो

  • मुंबई

    • 22 कैरेट सोना: ₹62,600 प्रति 10 ग्राम

    • 24 कैरेट सोना: ₹68,200 प्रति 10 ग्राम

    • चांदी: ₹91,800 प्रति किलो

  • कोलकाता

    • 22 कैरेट सोना: ₹62,700 प्रति 10 ग्राम

    • 24 कैरेट सोना: ₹68,400 प्रति 10 ग्राम

    • चांदी: ₹92,100 प्रति किलो

  • चेन्नई

    • 22 कैरेट सोना: ₹63,100 प्रति 10 ग्राम

    • 24 कैरेट सोना: ₹68,900 प्रति 10 ग्राम

    • चांदी: ₹92,300 प्रति किलो

  • लखनऊ

    • 22 कैरेट सोना: ₹62,900 प्रति 10 ग्राम

    • 24 कैरेट सोना: ₹68,600 प्रति 10 ग्राम

    • चांदी: ₹91,900 प्रति किलो

  • जयपुर

    • 22 कैरेट सोना: ₹63,000 प्रति 10 ग्राम

    • 24 कैरेट सोना: ₹68,700 प्रति 10 ग्राम

    • चांदी: ₹92,200 प्रति किलो


निवेशकों और आम लोगों के लिए सलाह

1. धीरे-धीरे निवेश करें

  • अगर आप सोने या चांदी में निवेश करना चाहते हैं तो एक साथ बड़ी रकम न लगाएँ।

  • धीरे-धीरे किस्तों में निवेश करें ताकि दाम में उतार-चढ़ाव का असर कम हो।

2. फिजिकल और डिजिटल दोनों पर ध्यान दें

  • सिर्फ गहनों में ही नहीं, बल्कि डिजिटल गोल्ड, ETF और म्यूचुअल फंड में भी निवेश करें।

  • इससे आपका पोर्टफोलियो सुरक्षित रहेगा।

3. शादी-ब्याह के लिए सही समय चुनें

  • अगर आप शादी के लिए सोना खरीदना चाहते हैं तो भाव बढ़ने के मौसम से पहले खरीद लें।

  • शादी के सीजन में कीमतें अक्सर बढ़ जाती हैं।

4. सुरक्षा का ध्यान रखें

  • फिजिकल सोना-चांदी खरीदते समय सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है।

  • बैंक लॉकर या सुरक्षित जगह पर रखें।

5. रिसर्च करके खरीदें

  • खरीदने से पहले रेट्स की तुलना करें।

  • BIS हॉलमार्क वाला ही सोना लें ताकि शुद्धता पर शक न हो।


सोना-चांदी से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

❓ सोना-चांदी की कीमतें रोज क्यों बदलती हैं?

👉 क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर की स्थिति, मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती हैं।

❓ भारत में सोने की शुद्धता कैसे पहचानी जाती है?

👉 सोने की शुद्धता BIS Hallmark से पता चलती है। इसमें कैरेट (22K, 24K) के अनुसार नंबर दिए जाते हैं।

❓ कौन सा सोना निवेश के लिए बेहतर है – 22 कैरेट या 24 कैरेट?

👉 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है और निवेश के लिए बेहतर है। 22 कैरेट सोना गहनों के लिए अच्छा माना जाता है।

❓ चांदी सोने से सस्ती क्यों होती है?

👉 क्योंकि चांदी की उपलब्धता ज्यादा है और यह सोने जितनी दुर्लभ नहीं है।

❓ क्या डिजिटल गोल्ड सुरक्षित है?

👉 हाँ, डिजिटल गोल्ड सुरक्षित होता है क्योंकि इसे कंपनियां सुरक्षित वॉल्ट में रखती हैं और आपको डिजिटल प्रमाण मिलता है।

❓ सोना कब खरीदना चाहिए?

👉 जब बाजार स्थिर हो और कीमतें नीचे हों। त्योहारों और शादियों के सीजन से पहले खरीदना फायदेमंद रहता है।


निष्कर्ष

सोना और चांदी भारत के लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। यह न केवल आभूषणों में, बल्कि निवेश और आर्थिक सुरक्षा के रूप में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
आज (17 अगस्त 2025) भारत में 22 कैरेट सोने का औसत भाव ₹62,600-63,100 प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव ₹91,800-92,300 प्रति किलो चल रहा है।

आने वाले समय में इनकी कीमतें और ऊँची होने की संभावना है। इसलिए समझदारी इसी में है कि लोग इसमें संतुलित और सोच-समझकर निवेश करें।

Post a Comment

Previous Post Next Post